Ek Tere Aane Ki Khahis

नज़्म - एक तेरे आने की ख़्वाहिश

साहिल की ठंडी रेत पर
साथ साथ क़दम बढ़ाते
जब तुमने रुक कर
मुझसे कहा था
काश ये वक़्त यहीं थम जाये
चंदा तारे बहता दरिया ठंडा साहिल
एक तेरे आने की ख़्वाहिश में
जाने कब से रुके हुए है

- संदीप मनन

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